शनिवार, 8 सितंबर 2012

Camel

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ऊँट रेगिस्तान में रहने वाला सबसे उत्तम प्राणी है इसे रेगिस्तान का जहाज़ के नाम से उपमा दिया जाता है, जहाज़ इसलिए कहा जाता है क्योकि ये रेगिस्तान में बहुत ही आराम से दौड़ लगा सकता है | ऊँट रेगिस्तान में ६५ किमी/घंटा की रफ़्तार से दौड़ सकता है | ऊँट कैमुलस प्रजाति के अंतर्गत आने वाला एक स्तनधारी जीव है, ऊँट के पीठ पर कूबड़ होते है, किसी ऊँट की एक कूबड़ तो किसी ऊँट के दो कूबड़ होते है एक कूबड़ वाले ऊँट अरबी ऊँट कहलाते जबकि दो कूबड़ वाले बैकट्रियन ऊँट कहलाते है | संस्कृत में ऊँट को उष्ट्रः कहते है | ऊँट के गर्दन बड़ी और अंग्रज़ी के एस (S) के आकार जैसे होती है | ऊँट के कूबड़ उनके शरीर से लगभग ३० इंच उपर तक बढ़ता है | ऊँट का वजन ३००-६९० किग्रा तक हो सकता है, इनकी लंबाई ७.२५-११.५ फिट तक हो सकती है | ये सामान्यता: चार रंगो में होते है पीला भूरा रंग, दूधिया रंग, भूरा रंग और काला | ऊँट प्राय: कांटेदार और नमकीन पौधा, घास और फसल को ही अपने भोजन के रूप में चुनते है क्योकि उनको मरुस्थल में उनको इनके अतिरिक्त इन्हे कुछ खाने को प्राप्त नही होता इनकी जीभ गद्देदार होती है जिससे ये आसानी से कांटेदार पौधों को आसानी से खा सकते है | ऊँट रेगिस्तान का जहाज़ कहने के लिए सर्वाधिक उपयोगी इसलिए है क्योकि रेगिस्तान में पानी का आभव होता है और ऊँट बिना पानी पिए १० महीने तक जीवित रह सकता है ये इनके पीठ पर बने कूबड़ के कारण होता है | लेकिन ऊँट जब पानी पीते है तो एक बार में ४० गैलन पीने की क्षमता रखता है वो अपना भोजन और पानी अपने कूबड़ में संचित कर निश्चिंत हो जाते है | ऊँट के दोहरी बरौनी होती है जिससे उन्हें रेगिस्तान में उड़ती हुई रेत में भी आसानी के देख सकने में सहायता प्राप्त होती है इनके पैर लंबे-लंबे होते है जिससे इनको गर्म रेत में भी नीचे से इनके शरीर तक गर्मी न पहुच सके | 
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ऊंटनी १३ महीने के गर्भकाल के बाद अपने बच्चे को जन्म देती है | जन्म के समय उनके बच्चे की आँखें खुल जाती है और कुछ ही घंटों में ये दौड़ना प्रारंभ कर देते है | २ से ३ महीनों में वो घास खाना शुरू कर देते है, केवल ४ महीने तक ही अपनी माँ का दूध पीते है इसके बाद छोड़ देते है, जन्म के समय बच्चे का वजन लगभग ४० किलो तक होता है, ये देखने में बड़े ही प्यारे लगते है, इनका शरीर पूरे रुए के जैसा होता है | ५ वर्ष की आयु में ये पूर्णता: वयस्क हो जाते है | ये प्राय: झुंड में रहना पसंद करते है | दूसरो जनवरो की तुलना में ऊँट में भार ढोने की क्षमता भी अधिक होती है ये २०० किलो तक के भार को आसानी से ढोने में सक्षम होते है | ये प्राय: जंगलो में शेर और चीता के द्वारा शिकार की चपेट में आ जाते है इनकी इनकी अनुमानित आयु ४०-५० वर्ष तक ही होती है  | ये भारत के राजस्थान राज्य में अधिक पाए जाते है |
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