रविवार, 2 सितंबर 2012

Rhinoceros


                    
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राइनॉसरोसस शाकाहारी और स्तनधारी प्राणी है, राइनॉसरस शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द के संधि-विच्छेद है राइनो+सेरोस, राइनो शब्द का अर्थ है नोज और सेरोस शब्द का अर्थ है हॉर्न अर्थात जिसके नाक पर सींग | ये र्हिनोसेरॉटिदाए जाति से संबंधित है | हिन्दी में इन्हे गैंडा कहते है  | गैंडों की कुल पाँच प्रजातिया पाई गयी है, काला गैंडा, भारतीय गैंडा, सूमाट्रन गैंडा, जावा गैंडा और सफ़ेद गैंडा | जावा गैंडे कम से कम पाए जाने वाले इस संसार के स्तनधारी प्राणी है | सफ़ेद गैंडा, अन्य गैंडों की प्रजाति में हाथी के बाद दूसरी सबसे बड़ी प्रजाति मानी जाती है | इनका वज़न हाथी के वज़न से लगभग आधा होता है, जहाँ हाथी का वज़न लगभग ७००० किलो तक होता है वही सफ़ेद गैंडा इसकी तुलना में ३५०० किलो तक होता है | सामान्यता: गैंडों की औसतन कद ६ फीट और लंबाई ११ फीट तक होती है | 
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शरीर के तुलना में गैंडों का मस्तिष्क बहुत ही छोटा होता है परंतु ये सोचना नही चाहिए की वो बेवकूफ़ होते है | गैंडों को दो अलग-अलग रंगों (काले और सफेद) के नाम से जानते है परन्तु इनका वास्तविक रंग स्लेटी होता है | गैंडे लड़ाई के समय अपने सींग का प्रयोग सुरक्षा के लिए करते है परंतु कुछ ऐसे भी गैंडे भी होते है जो सींग के बजाय अपने दातों का प्रयोग करते है | इनकी त्वचा काफ़ी मोटी होती है और बिल्कुल संवेदनशील भी | धूप से इनकी त्वचा कोई हानि नही पहुचा पाती है और ना धूप से झुलस जाने का भय होता है और न किसी भी कीड़ा-मकोड़ो का काटने का भय रहता है | गैंडे का सींग जो उसके नाक पर बना रहता है वो हड्डी की नही होती है और न ही वो खोपड़ी से जुड़ी होती है वो प्रोटीन से बनी होती है जिसे केरटिन कहते है ये उसी पदार्थ का बना होता है जिससे बाल और नाख़ून बने होते है | इनके सींग इनके लिए दावा के रूप में काम करती है | अगर ये कुछ भी जहरीले पौधे खा ले तो उनमें से ये विषहरण का काम करते है , इनके शरीर के बुखार को समाप्त करने में भी सहायक होती है | 
                                                                                      ये विशालकाय प्राणी शाकाहारी होता है और अपने विशाल पेट को भरने के लिए ये खूब ख़ाता है | इसकी नज़र बहुत ही कमजोर होती है लेकिन इनकी सुघने और सुनने की शक्ति बहुत ही अच्छी होती है | गैंडे अपने गोबर के द्वारा दूसरे गैंडो को संदेश भजने का काम करते है दूसरे गैंडे उनकी गंध को सूंघ कर ये जान जाते है की ये दूसरे गैंडे का इलाक़ा है | मादा गैंडा का प्रजनन काल १५-१६ महीनों तक होता है | गैंडे हमेशा झुंड में ही रहते है इनके झुंड को हर्ड और क्रॅश कहते है | इनका शरीर भारी होने के  कारण भी सफेद गैंडा ५०किलोमीटर / घंटा , काला गैंडा ५६ किलोमीटर / घंटा और भारतीय गैंडा ५५ किलोमीटर / घंटा  की रफ़्तार से दौड़ने में माहिर होते है | सफेद गैंडे की आयु ४०-५० साल तक होती है | वही काले गैंडे की ३५-५० साल तक होती है, काले गैंडो की अकसर मृतु आपस में लड़ के होती है जिसमे ५०% नर और ३०% मादा की संख्या आकी गयी है |

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