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हाथी एक विशाल आकार का स्तनपायी प्राणी है जो पूर्णत:या शाकाहारी होता है | भारत में पायी जाने वाले हाथी को एशियाई हाथी कहा जाता है | ये प्रजातियाँ में पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, लाओस, चीन, कंबोडिया, म्यांमार, वियतनाम और थाईलैंड पाए जाते है | भारतीय हाथी लंबाई में ६.४ मीटर लगभग के बारबर होता है देखने में लंबा व पतला होता है, उनके कान और दाँत दोनो छोटे-छोटे होते है इनके तुलना में अफ़्रीकी हाथी बड़े होते है | अफ़्रीकी हथियो के कान और दाँत देखने मे विशालकाय लगते है |
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इतने विशालकाय प्राणी के आखें बहुत छोटी होती है और कान पंखे जीतने बड़ा, जहाँ आखें इतनी छोटी है वही इसके नाक सबसे बड़ी | हाथी की नाक सभी जानवरों से भिन्न है इनके नाक को सुंड कहते है इसकी लंबाई ६ से ७ फिट तक होती है वो इसका प्रयोग अपनी हाथों के रूप में करते है भोजन की सामग्री पकड़ने के लिए ये सुंड का ही प्रयोग करते है और नहाने के लिए भी इने सुंड से प्राय: पानी निकलता रहता है, चलते हुए ये प्राय: सुंड से पानी गिरते रहते है और सोते समय अपनी सुंड को अपने मुख में रख कर सोते है |
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इनका रंग स्लेटी होता है , हाथी के दाँत खाने के कोई और, दिखाने के कोई और होते है जो दाँत बाहर निखले होते है वो दिखावटी होते है | वज़न में लगभग २,००० से ५,००० तक हो सकते है |हाथी स्वभाव से खानाबदोशी होते हैं वे एक स्थान पर ज़्यादा दिनों तक नहीं रहते, उन्हें खुली स्थानो व हरी घास वाली जगहों पर जाना अधिक पसंद करते हैं, ये झुंड में रहना पसंद करते है इनके झुंड का नेतृतव हथिनी ही करती है | हाथियो की यादास्त बहुत अधिक होती है वो जिस रास्ते से गुजर जाते है वो रास्ता वो कभी नही भूलते है | हथिनी लगभग २ वर्ष तक गर्भ धारण करती है और अपने बच्चे को जन्म देती है, जन्म के उपरांत बच्चा शून्य अवस्था में होता है उस समय हथिनी उसे अपनी सुंड और पैरों से मार-मार के उसे उठाने का प्रयास करती है जन्म के २ घंटे के बाद बच्चा चलने-फिरने लगता है | जन्म के समय बच्चे का वज़न ९०-१२१ किलो तक होता है, लगभग ६ वर्षों तक हथिनी अपने बच्चे का ख़याल रखती है फिर वो पूर्णतया स्वंत्र हो जाते है | हाथी की अनुमानित आयु लगभग ७० साल की होती है इनकी मृतु इनके दिल फट जाने के कारण होता है |
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